Tuesday, June 15, 2010

शनि देव की कृपा प्राप्ति के लिए छाया पात्र दान

मित्रो सायद ही कोई ऐसा हे जो परेशानियो से मुक्त हे और खास तोर पर शनि देव की जब बात आती हे तो लोगऐसे ही भयभीत हो जाते हे तो क्या ऐसा कर जिससे शनि शनि देव शांत हो .... शास्त्र में शनिदेव की पीड़ा दूरकरने के लिए छया पात्र दान का प्रयोग बहुत ही प्रभावशाली मन गया हे ... यह प्रयोग में लोक कल्याण की भावनासे यहाँ प्रस्तुत कर रहा हु ( कृपया यह प्रयोग आप सभी अपने अपने गुरु के मार्गदर्शन में करे )

शनिवार के दिन एक लोहे का पात्र ले पश्यात उसमे तेल भर के सवादो रूपये डाल दे बाद में अपनी छबी उस तेलभरे पात्र में देख ले और यह छबि देखते समय यह भाव मन में रक्खे की मेरा पूरा दोष यह तेल में जा रहा हे औरअभ मेरा पूरा दोष तेल में चला गया हे यह बोल कर यह तेल से भरा पात्र कोई शनि दान लेने वाले व्यक्ति को दे देनाचाहिए और जो दान लेने वाला व्यक्ति हे उसे काले उड़द, काले तिल, कला सुरमा, एक काले कपडे में बांध कर उसेदान में दे और मने ऐसा भाव करे की मेरे शभी दोष जो शनि देव जनित हे वो सभी दूर हो चुके हे , यह कार्य करने सेसमस्त ग्रह पीड़ा , रोग , दोष सभी कुछ चला जाता हे ( कृपया यह प्रयोग २४ शनिवार तक अवश्य करे )
यह प्रयोग की शुभता के लिए शनिमंत्र की ३ माला वश्य करे
मंत्र : ॐ एम रिम श्रीम शनेश्वराय नमः ( रुद्रक्स या लाल चन्दन की माला का प्रयोग करे )
कृपया यह प्रयोग किसी योग्य गुरु के मार्गदर्शन में ही करे ... जय एकलिंगजी

Sunday, June 6, 2010

सर्वग्रह पीड़ानाशक विधान

प्रथम कोई शुभ दिन देख कर निचे दिए गए मंत्र के १०००० जप करले - यह जप के बाद ये मंत्र आपसे सिद्ध हो जायेगा - यह प्रयोग मुझे एक योगी महात्मा से प्राप्त हुवा था और यह अनुभूत भी हे - मेरी यही कामना हे की आप गुरु कृपा से अवश्य सफल होंगे

मंत्र : ॐ नमो भास्कराय अस्माकं सर्व-ग्रहणं। पीड़ा - नाशनं कुरु कुरु स्वाहा ॥

अब आपको निचे अनुसार उपयोग में लाना हे

(१) अर्क का मूल ( आकड़ा जो फुल की माला हनुमानजी को चड्ती हे
(२) धन्तुरा का मूल
(३) आपामार्ग ( जन्जेठा ) का मूल (४) दूर्वा ( ग्रास हे जो हम गणेशजी को चडाते हे )
(५) वड का मूल ( बनयन ट्री ) (६) पीपल का पंचांग (७) मुंग ( साबुत हरे ) (८) गेहू (विट )
(९) तिल (१०) मधु ( शहद ) (११) दही (१२) एक यह सामग्री भर ने के लिए हांड़ी या मटकी

प्रत्येक वस्तु हाथ में ले कर ऊपर दिया गया मंत्र १०८ बार बोल कर हांड़ी में डाले - क्रम अनुसार सभी वस्तु डाल ने से पहले कृपया मंत्र १०८ बार बोलना जरुरी हे पश्यात आप यह हांड़ी को अब शनिवार के दिन शाम को पीपल के पेड़ के निचे जमीन में गाढ़ दे ...
( यह संपूर्ण प्रयोग शनिवार शाम को ही करे - इससे सर्वप्रकार की ग्रह पीड़ा उपद्रव और दारिद्र्य का नाश होता हे - हो शके तो यह प्रयोग आप किसी योग्य गुरु के मार्गदर्शन में ही करे - क्यों की गुरु की कृपा के बगर को भी सफलता प्राप्त नहीं होती )

कृपया आप अपना अभिप्राय मुझे अपने मेल पते पर भेजे - जय एकलिंगजी

राशी मंत्र

राशी चक्र में कुल बारह राशी हे और सभी के अपने अपने सामान्य मंत्र हे - यह मंत्र के माध्यम से जीवन कोमंगलमय बना शकते हे और राशी के अनुसार अपने अपने शुभांक भी होते हे जो भी आप उपयोग में ला शकते हे

मेष - ह्रीं श्रीं लक्ष्मीनारायण नम: शुभांक : 21
वृषभ - गोपाले उत्तर्ध्वजय नमः
शुभांक : ३०
मिथुन - कलीम कृष्णाय नमः
शुभांक : २४
कर्क - हिरण्यगर्भाय अव्यक्त रुपिने नमः
शुभांक : १८
सिंह - कलीम ब्रह्मणे जगदाधारय नमः शुभांक : १५
कन्या - नमो प्रिम पिताम्बरय नमः शुभांक : २४
तुला - तत्त्व निरंजनाय तारक रामाय नमः शुभांक : ३०
वृश्चिक - नारायणाय सुरसिहय नमः शुभांक : 21
धनु - देवकृष्णाय उर्ध्वदन्ताय नमः शुभांक : 27
मकर - श्री वत्सलाय नमः
शुभांक : 33
कुम्भ - श्री उपेन्द्राय अच्युताय नमः शुभांक : 36
मीन - कलीम उद्ध्रुताय उद्धारिने नमः शुभांक : 39