Tuesday, July 27, 2010

व्यक्ति गत मार्गदर्शन हेतु उपयोग में लाये




We cannot change the circumstances in which our soul chose to be born, but we can definitely change the circumstances in which we grow.
हर समस्या का समाधान संभव नहीं हे, बहोत ही कम ऐसी समस्याये हे जिनका समाधान कर शकते हे .. यहाँ सभी लेख अलग अलग सूत्रों और माध्यम से प्राप्त हुए हे - यदि कोपीराइट भंग होता हो तो माफ़ कर दे ... हमारा उद्येश मात्र आम जानता के लाभार्थ ही हे .....


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श्रीयंत्र को यंत्रराज क्यों कहते हे ?    Date : 17-03-2012
प्रणाम दोस्तों 


ज्यादातर लोग श्रीयंत्र को लक्ष्मी प्राप्ति का ही माध्यम समजते हे परन्तु श्रीयंत्र अपने आप में सारे संसार का सुख देने में सामर्थ्य रखता हे | एक पौराणिक खाता के अनुसार लक्ष्मी जी पृथ्वी से रुष्ट हो कर वैन्कुठ चली गई | तो लक्ष्मीजी की अनुपस्थिति में पृथ्वी पर अनेक समस्याए उत्पन्न होगई तब महर्षि वशिष्ठ और श्री विष्णु ने लक्ष्मीजी को बहोत मनाया फिर भी लक्ष्मी जी नहीं मानी तब जाके देवगुरु बृहस्पति ने एक उपाय किया, लक्ष्मीजी को आकर्षित करने के लिए श्रीयंत्र की रचना की और उसका स्थापन और पूजन का उपाय बताया | तब जाके लक्ष्मीजी को न चाहते हुवे भी विवश हो कर पृथ्वी पर आना पड़ा क्यों की - लक्ष्मीजी ने अपने स्वयं के मुख से कहा " श्रीयंत्र ही मेरा आधार हे और यही श्रीयंत्र में मेरी आत्मा निवास करती हे इस लिए मुझे आना ही पड़ा "


एक अन्य कथा में श्रीयंत्र का सम्बन्ध आध्यशंकराचार्य से जोड़ा गया हे | एक बार विश्व में बहोत परेशानी व्याप्त हो गई तब आध्यशंकराचार्य जी ने आशुतोष शिवजी से विश्वकल्याण के लिए उपाय पूछा तो शिवजी ने श्रीयंत्र और श्रीविद्या प्रदान करते हुवे कहा की श्रीविद्या की साधना जाननेवाला मनुष्य अपर यश और लक्ष्मी का स्वामी होगा जबकि श्रीयंत्र का पूजन करने वाला प्रत्येक प्राणी सभी देवताओ की आराधना का फल प्राप्त करेगा क्यों की इस यंत्र राज " श्रीयंत्र " में सभी देवी देवताओ का वास हे .... हरी ओम तत्सत

मेरे सभी दोस्तों से मेरा नम्र निवेदन हे की हो शके तो जीवन में एक बार सम्पूर्ण रूप से श्रीविद्या के तहद एक श्रीयंत्र वैदिक रीती से बनवाकर अपने घर में स्थापन करे और यह श्री यन्त्र का नित्य वैदिक पूजन करे और हवन द्वारा देवताको को भोग प्रदान करे .. अवश्य ही लक्ष्मी की महेर होगी .. मेरा स्यवंम का अनुभव हे ... कृपया लाभ उठाये 

रेमेडियल एस्ट्रोलोजर ऋषि पंड्या - वड़ोदरा - गुजरात



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आज से शारदीय नवरात्री आरम्भ हो रही हे मेरे सभी बंधू ओ से मेरा नम्र निवेदन हे - कृपया आप हो शके तो यह नवरात्री में शक्ति की उपासना कर अपने आप को धन्य बनाये - रक सरल तरीका माँ की उपासना का - मूल मन्त्र की रोज ९ माला सुबह शाम अवश्य करे

नवरात्र के प्रथम दिन जगदम्बा का प्रथम स्वरूप देवी शैलपुत्री की पूजा होती है l लोक मान्यता है कि देवी शैलपुत्री अगर खुश हो जाएँ तो जमीन-जायजात और मान सम्मान में बढ़ोत्तरी होती है | माँ भवानी जगदम्बा का पहला रूप माँ शैलपुत्री है | माँ शैलपुत्री शक्ति कि देवी, शक्ति का स्वरुप हैं | माँ शैलपुत्री वो देवी हैं जिनके नाम मात्र से बड़े बड़े राक्षस काँप उठे है | देवी शैलपुत्री की उपासना से समस्त संसार को वश में किया जा सकता है | वो शैलपुत्री जिनके सामने इस संसार में कोई ऐसा नहीं जो टिक सके | माँ शैलपुत्री हिमालय कि बेटी हैं इसीलिए इनका नाम पड़ा शैलपुत्री | शैलपुत्री को हिमालय कि तरह ही शक्ति का स्वरुप माना जाता है | माँ का शैलपुत्री स्वरुप मानवों को पर्यावरण संतुलन की ओर प्रेरित करता है l प्रकृत की रक्षा की ओर अग्रसर करता है |

मूल मन्त्र : ओम एम ह्रीं कलीम चामुण्डाये विच्ये

यह मन्त्र को किस प्रकार बोलना हे निचे दिए गई क्लिप को ओन करे











2 comments:

  1. भाई श्री माधव आपने किस लिए पोस्ट किया हे कृपया वर्णन करे ...

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