Tuesday, December 10, 2013

वास्तु शास्त्र - मेरी कलम से

वास्तु शाश्त्र – मेरी कलम से 
वास्तु शाश्त्र के सिद्धांत के अनुसार अगर जो मकान बनाया जाये तो उनमे रहें वाले व्यक्ति के जीवन में खुशहाली, समृद्धि और उन्नति आती हे | आज हम बात करेंगे मकान की मुख्य दरवाजे की – मकान में मुख्य दरवाजे की बहोत ही महत्त्व पूर्ण भूमिका होती हे | 

वास्तुशाश्त्र के अनुसार मकान का मुख्य द्वार किस दिशा में लगाया हे उस पर से गृह स्वामी को शुभाशुभ फल की प्राप्ति होती हे | अगर घर में शुभ दिशा में द्वार हे तो घर के सभी सदस्य को शुभ फल की प्राप्ति होगी और अगर अशुभ दिशा में हे तो अवश्य ही अशुभ फल की प्राप्ति होगी | आप चाहे तो घर में मुख्य द्वार की दिशा जन कर उसमे बदलाव ला कर शुभ फल की प्राप्ति कर शकते हे

यहाँ में द्वार की दिशा के अनुसार फल का वर्णन कर रहा हु – कृपया लाभ उठाये

पूर्व दिशा - शुभ द्वार, उच्च विचारों की प्राप्ति और शुभता की प्राप्ति
पूर्व ईशान – सर्व श्रेष्ठ और सौभाग्यदायक
पूर्व अग्नि – अशुभ, वैचारिक मतभेद, बार बार चोरी होना, संतान के लिए कष्ट कारी
पश्चिम वायव्य - सर्व कार्य के लिए शुभदायक
पश्चिम नैरुत्य – अशुभ, आर्थिक परेशानी, घर के मुख्य व्यक्ति के लिए ज्यादा अशुभ
उत्तर इशान – शुभ श्रेष्ठ, आर्थिक सफलता
उत्तर वायव्य – अशुभ, धनहानि, चंचलता, तनाव में वृद्धि
दक्षिण अग्नि – शुभ, आर्थिक लाभ, स्वास्थ्यदायक
दक्षिण नैरुत्य – अशुभ, आर्थिक विनाश, गृहिणी के लिए कष्टप्रद
पश्चिम – शुभ फलदायक
उत्तर – अत्यंत शुभ फलदायक

यहाँ उल्लेख हे की पूर्व ईशान मतलब इशान कोने में जो दरवाजा हे जो जिसका मुख पूर्व दिशा में हे उशे पूर्व ईशान कहते हे : अतः आपको उसी प्रकार आपको बाकि दिशाओ के लिए समजना हे

और अगर आपका द्वार गलत दिशा में हे तो कृपया वहा द्वार दोष निवारण यन्त्र स्थापित करे और सम्पूर्ण रूप से लाभ उठाये

हरी ॐ तत्सत
रेमेडियल एस्ट्रोलोजर ऋषि पंड्या
हेड ऑफिस – वड़ोदरा गुजरात
ब्रांच ऑफिस – गांधीनगर गुजरात
Contact - 9824162904

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